Tuesday, April 7, 2020

कोरोना महामारी का डर महामारी से ज्यादा खतरनाक। Fear of corona epidemic is more dangerous than epidemic


In China, the corona virus caused havoc and the epidemic spread all over the world. How it happens? Why the whole world suffering from this epidemic today? You would say that it spreads through human-to-human contact and the person dies. We need to keep social distancing. There is a lot of difference between spreading the disease and spreading it as an epidemic. 
In fact, people who are dying in such large numbers are dying not because of corona but because of fear of this epidemic. Coronas fear and its thoughts are going on in the mind of every person in the world, If virus infect me or has anyone from my family? Then? Today, because of this thinking, more and more people of the entire world is sitting at home and are scared. The same thing is being told repeatedly on television, how to escape from Corona, what kind of precautions to take, stay at home, do not leave the house. How many people got infected and how many died. This is what is being shown on every news channel. And the treatment of this disease is not yet found this is the biggest issue they are constantly showing us. As a result, the number of infected people and death is increasing day by day. The death that is actually happening is not due to this epidemic, but because of the fear of this epidemic. 
Just think, doctors are treating patients day and night in Hospitals, besides these nurses, Para medical staff, police and other volunteers are also doing their work. They are leftover, Why? Its simple, they are doing their work diligently, doctors are sometimes seen as strict to patient. Its a part of their duty ad what they learnt while studying. If they are not strict, you will not be able to get treatment. This hardness protects them by becoming their armor and disease does not enter in their body. They are busy in treating the patients. They continue trying to remove the disease.
People who are dying all over the world are dying because of their thinking and inattention. More people are dying from the effects of the epidemic than its fear. Please stop thinking more ad more about the epidemic, you should take care, but we have to stop overthinking about the epidemic. otherwise this epidemic will spread even more.

चीन में कोरोना वायरस ने अपना कहर दिखाया और चुपके से जो यह महामारी आज पुरे विश्व में फ़ैल चुकी है। कैसे फैली यह महामारी? क्यों आज पूरा विश्व इस महामारी से पीड़ित और ग्रसित है? आप कहेंगे यह मानव से मानव के संपर्क से फैलती है और व्यक्ति की मृत्यु होती है। बीमारी का इलाज संभव है। बीमारी फैलना और वह महामारी के रूप में प्रसार जाये इसमें बहुत अंतर है। वास्तव में लोग जो इतनी बड़ी संख्या में मर रहे है वह कोरोना की वजह से नहीं परन्तु इस महामारी के डर की वजह से मर रहे है। सोचिए आज पुरे विश्व में हर एक व्यक्ति के दिमाग में एक ही विचार चल रहा है, कही यह बीमारी मुझे हो गई तो ? मेरे परिवार में किसी को हो गई तो ? आज इसी सोच की वजह से पुरे विश्व की अधिक से ज्यादा आबादी घर पर बैठी है और डरी हुई है । रोग का शिकार हो रहे है । टेलेविज़न पर बार बार एक ही बात बताई जा रही है, कोरोना से कैसे बचे, क्या उपाय करे, घर से बहार ना निकले। किस देश में कितने लोग संक्रमित हुए और कितनो की मृत्यु हो गयी। बस यही दिखाया जा रहा है। और तो इस बीमारी का इलाज अभी तक मिला नहीं है। यह बात लोगो के दिमाग में किसी न किसी प्रकार से डाली जा रही है, नतीजा दिन प्रति दिन संक्रमित लोगो और मृत्यु की संख्या बढ़ रही है। वास्तव में जो मृत्यु हो रही है वह इस महामारी की वजह से नहीं अपितु इस महामारी के डर की वजह से हो रही है। जरा विचार कीजिए चिकिस्तालयो में दिन रात डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे है, इनके अलावा नर्स पेरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस और अन्य सेवाभावी स्वयंसेवक भी अपना कार्य कर रहे है। वह बचे हुए है, क्यों? सीधा हिसाब है, वह अपना कार्य मन लगा कर कर रहे है, डॉक्टर मरीज के प्रति अपने व्यसाय की वजह से कभी कभार कठोर दिखाई पड़ते है, उन्हें यही सिखाया जाता है। कठोर नहीं रहेंगे तो इलाज नहीं कर पाएंगे। यही कठोरता उनका कवच बन कर उनकी रक्षा करती है और बीमारी उनके शरीर में प्रवेश नहीं कर पाती। वह मरीज का इलाज करने  में व्यस्त रहते है। बीमारी दूर हटाने में लगे रहते है। लोग जो पुरे विश्वमें  मर रहे है वह अपनी सोच और असावधानी के कारण मर रहे है। महामारी से कम उसके डर के प्रभाव से ज्यादा लोग मर रहे है। कृपया आप महामारी के विषय में ज्यादा सोचना बंद कर दे, सावधानी जरूर बरते परन्तु हमेशा इसी का विचार मन में बना रहेगा तो यह महामारी और भी फैलेगी।

Saturday, April 4, 2020

Science is the biggest religion

We have billions of population in the whole world and today a non visible virus has shown us our power and status, but still our eyes are not opened and we are still spreading the communal Unpleasantness by talking about religion. One thing needs to be understood, Corona has taught us that nature does not matter which religion we are following, Corona virus has come from China to South Korea, then America and now spreading in India. This pandemic does not matter whether it is a man or a woman, what is caste, what is religion, the only difference matters is how our physical preparedness is, how capable we are to fight with it, every one in the whole world today is thinking about how to fight with corona virus. How to get treatment for this epidemic; and for this we are fully dependent on science not on any religion. If we need a healthy India, a superior India, then do not fall into any kind of stupidity and dispute we have to think about how to make the internal security of our country. How to improve the standard of education and how to make science our biggest religion, so the country will be able to move forward. Please do not make messy messages on social media, or do not forward it and not make jokes. We are in big trouble.

विज्ञान सबसे बड़ा धर्म है
अरबो  की  आबादी  है  पुरे  विश्व  में  और  एक  नहीं  दिखाई जाने  वाले  छोटे  से  वायरस  ने  हमें  हमारी  औकाद  दिखादि   है, फिर  भी  हमारी  आँखे  नहीं  खुल  रही  है और हम  अभी भी  धर्म और मजहब  की  जात  पात  की बाते  कर  के  कौमी वैमनस्य  फैला  रहे  है। एक  बात  समझने  की  जरुरत  है, कोरोनो  ने  हमें  सिखाया  है  की  प्रकृति  मजहब  में  फर्क  नहीं  करती है,  कोरोनो वायरस चीन  से  साउथ  कोरिआ, फिर  अमरीका फिर  हमारे  भारत  में आया  है, इस  महामारी  को  इस  बात  से  कोई  फर्क  नहीं   पड़ता  की  आदमी  है  या  औरत, जात  क्या  है  मजहब  क्या  है, फर्क  सिर्फ  इतना पड़ता  है  की हमारी  शारीरिक  तैयारी  कैसी  है, हम  कितने  सक्षम  है  इससे  लड़ने  के  लिए , आज  पुरे  विश्व  में  बसा  हर  एक  मानव  यही  चाह रहा  है की  इस  महामारी  का  इलाज  मिल  जाये, इसके  लिए  हम  निर्भर  है  विज्ञान पर  नहीं  की  किसी  धर्म  पर। अगर  हम  एक  स्वस्थ  भारत , श्रेष्ठ  भारत  चाहते  है  तो  किसी भी प्रकार की मूर्खता  में  ना पड़े  और  देश  की  आतंरिक  सुरक्षा  कैसे  अच्छी  बना  सके, विज्ञान को  सबसे  बड़ा  धर्म  कैसे  बना  सके, शिक्षा  का  स्तर  कैसे  बेहतर  बना  सके  इसके  बारे  में  विवाद  करे  तो  देश  आगे  बढ़  पायेगा, नहीं  की  सोसियल  मीडिया  पर  बेफिजूल  में  मैसेजिस  बनाकर, या  उसे  फॉरवर्ड  कर या  चुटकुले  बना  कर।

कोरोना महामारी का डर महामारी से ज्यादा खतरनाक। Fear of corona epidemic is more dangerous than epidemic

In China, the corona virus caused havoc and the epidemic spread all over the world. How it happens? Why the whole world suffering from ...